वाराही देव: पसका के पूर्व में लगभग ६ किलोमीटर की दूरी पर वाराही देव स्थित है। वाराही देव को उत्तरी भवानी के नाम से भी जाना जाता है। भगवती के इस प्राचीन मन्दिर में काफी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं, विशेष रूप से नवरात्रों के अवसर पर। यह जगह सुकर झट के एक हिस्से के रूप में जानी जाती है। माना जाता है कि मन्दिर स्थित आदिशक्ति वाराही की प्रतिमा का सम्बन्ध पासका के वारहा की शक्ति से है।