भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किये बिना देश की प्रगति की कल्पना निराधार है। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार तथा राज्य सरकार के अथक प्रयासों से ग्रामीण गरीबी उन्मूलन हेतु कतिपय विकास कार्यक्रम संचालित हैं। उत्तराखण्ड राज्य में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी गरीबी उन्मूलन हेतु अपने वित्तीय संसाधन से कई अभिनवी जनकल्याण कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा अवस्थापना सुविधा विकास हेतु संचालित कार्यक्रमों में मुख्यतः स्वरोजगार कार्यक्रम, रोजगार कार्यक्रम, ग्रामीण आवास कार्यक्रम, ग्रामीण संयोजकता के साथ-साथ क्षेत्र विकास कार्यक्रम हैं।
प्रदेश सरकार भी ग्रामीण जनकल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पीछे नहीं है। राज्य सरकार द्वारा की गयी अभिनवी पहल के अन्तर्गत ग्रामीण आवास के क्षेत्र में दीनदयाल उत्तराखण्ड ग्रामीण आवास योजना राज्य वित्तीय संसाधनों से क्रियान्वित की जा रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजनाकाल तक सभी निर्धन आवासविहीनों को आवासीय सुविधा, हर बेरोजगार को स्थानीय रोजगार तथा प्रत्येक परिवार को स्वरोजगार से जोड़कर स्वावलम्बी बनाये जाने हेतु राज्य सरकार संकल्पबद्ध है।
गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों-ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के चयन, नियोजन, क्रियान्वयन तथा रखरखाव में सक्रिय भूमिका है। त्रिस्तरीय पंचायतों को अधिकारों के प्रतिनिधायन के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति जागरूकता हेतु सत्त प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाये जाने हेतु प्रयास निरन्तर जारी है।