Tulsi Vatika - Seniors Hostel 3.59

Vrindavan-Naujheel Road, Mant
Mathura, 281201
India

About Tulsi Vatika - Seniors Hostel

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Details

आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण "तुलसी वाटिका" (दिल्ली, मथुरा व हरिद्वार)

वर्तमान में वृद्धाश्रमों की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए तुलसी संस्था ने भगवान श्री कृष्ण के लीला स्थल बृजभूमि में श्री बाँके बिहारी मंदिर से मात्र 6 किमी की दूरी पर "बेलवन" में 3 एकड़ भूमि पर विभिन्न श्रेणी के लगभग 500 वरिष्ठ नागरिकों के रहने के लिए उनकी आवश्यतानुसार आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण "तुलसी वाटिका" आश्रम का निर्माण आरंभ किया है।

तुलसी वाटिका में रहने वाले बुजुर्गों के लिए डीएनपीडी हॉस्पिटल द्वारा दैनिक स्वास्थ्य जांच सेवाओं के अतिरिक्त वाटिका के कॉम्प्लेक्स के भीतर ही जलपान गृह, सामुदायिक भवन, पूजा-स्थल, मनोरंजन कक्ष, साइबर केफे, ड्राई-क्लीनिंग, शॉपिंग माल, एटीएम आदि की सुविधाए उपलब्ध होंगी।

यहाँ के निवासी बुजुर्गों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके आवासीय कमरों, गलियारों और उपवन, सभी जगह कैमरे और स्पीकर लगाए जाएँगे। सभी आवासीय बुजुर्गों को रिमोट बेल दी जाएगी जिसके माध्यम से आवश्यकता पड़ने पर वाटिका के कंट्रोल रूम से संपर्क कर सहयोगी कर्मियों की मदद ले सकें।

बुजुर्गों को कॉम्प्लेक्स से बाहर जाने के लिए सुरक्षित व आरामदेह वाहनों की भी सुविधा होगी। वृंदावन में श्री बाँके बिहारी जी व अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम संस्था का निजी वाहन उपलब्ध होगा। क्यूंकि तुलसी वाटिका की यह भूमि यमुना नदी कि किनार पर है अतः निकट भविष्य में यमुना नदी के तट पर संस्था की ओर से स्नान घाट बनाने की भी योजना है ताकि बुजुर्ग लोग यमुना किनारे खुले वातावरण का लाभ उठा सकें।

आवास योजना

समाज के विभिन्न वर्गों से आए वरिष्ठ नागरिकों के जीवन शैली के आधार पर तुलसी वाटिका में इन नागरिकों के रहने के लिए अलग-अलग प्रकार से समूहिक, संयुक्त व स्वतंत्र आवास का प्रबंध किया जा रहा है।

समूहिक आवास (Common Living)

आय रहित और निम्न आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए समूहिक आवास योजना बनाई गयी है जिसके अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़े हाल बनाने का प्रावधान है। एक हाल में लगभग 20 से 25 बुजुर्गो के रहने के लिए सामूहिक सुविधाओं के अतिरिक्त प्रत्येक निवासी को अलग से आराम करने के लिए एक पलंग व व्यक्तिगत सामान रखने के लिए एक अलमारी और पढ़ने आदि के लिए एक टेबल-कुर्सी दी जाएगी। सामूहिक रूप से प्रयोग के लिए शौचल्य और स्नानगृह की व्यवस्था होगी। महिला और पुरुष लोगों के लिए अलग अलग हाल होंगे। सामूहिक आवास को दो श्रेणियों में बांटा गया है - निशुल्क आवास व किराएदारी आवास।

निशुल्क आवास के अंतर्गत उन गरीब बुजुर्गों को रक्खा जाएगा जो किराया देने में असमर्थ होंगे। उनसे इस आश्रम में रहने के कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस प्रकार के बुजुर्गो की देखरेख का खर्चा संस्था लोगों से प्राप्त दानराशि से पूरा करेगी।

किरायेदारी आवास में प्रत्येक बुजुर्ग को रहने के लिए निर्धारित किराया देना होगा। इस किराए का निर्धारण "लाभ-हानि रहित प्रणाली" के आधार पर किया जाएगा जो समय-समय पर और परिस्थित्यों के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकेगा।

संयुक्त आवास (Joint Living) :

मध्य आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए संयुक्त आवास का प्रबंध किया गया है जिसके अंतर्गत एक स्टुडियो टाइप कमरे में दो वरिष्ठ नागरिकों के रहने के लिए इंतजाम होगा। वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके आवास के लिए अलग से विशेष स्टुडियो टाइप फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक फ्लैट में शौच व स्नानगृह के अतिरिक्त छोटी किचन-स्लैब होगी। यह फ्लैट दो पलंग, दो अलमारी, एक रीडिंग टेबल, एक सेंटर टेबल, चार कुर्सी, एक फ्रिज और टीवी आदि अन्य आवश्यक फर्नीचर से सुसज्जित होगा। प्रत्येक स्टुडियो फ्लैट में दो लोगों के रहने का प्रबंध होगा।

स्वतंत्र निवास (Independent Living):

उच्च आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पूर्णतया स्वतंत्र रूप से निवास करने के लिए वे अलग से पूरा स्टुडियो टाइप फ्लैट ले सकते हैं जिसमे किसी अन्य निवासी का कोई दखल नहीं होगा। इन कमरों में निवासी अपनी सुविधानुसार रह सकते हैं। इन कमरों में भी दो लोगों अर्थात पति-पत्नी अथवा दो नजदीकी रिश्तेदारों के रहने का प्रबंध होगा।