आज हमारा हिन्दू धर्म एक ऐसा धर्म बन गया है जहा हिन्दू एक दुसरे का ही गला काटने में आगे रह रहे हैं, पहले कुछ पाखंडियों और नेताओ जो किसी न किसी धर्म विशेष के पालनहार बने फिर रहे थे उनकी बातो में आकार बँटे और कमोबेश आज वो स्थिति और भी भयावह हो चुकी है जो घृणा का बिज कल बोया गया था आज उस बिज ने एक विकराल पेंड का रूप ले लिया है.....पूरा हिन्दू समाज इतना बिखर गया है की उसको बटोरना बहुत ही मुश्किल हो रहा है या अगर व्यावहारिक शब्दों में बोलें तो खाई इतनी बड़ी हो गई की कोई मिटटी इसको भर नहीं पा रही है या कहे तो भर ही नहीं पायेगी अगर हम नहीं जागे तो.....अब एक बहुत ही बिकट सवाल उठता है की आखिर हिंदुवो को ही क्यों तोडा गया टुकडो में....किसको लाभ मिलने वाला था इस कृत्या से या किसको लाभ मिला.....क्युकी कुछ लोग जो यहाँ तक की मुस्लिम भी थे वो पंडित लगा कर आए और दिखावा पंडित वाद का किया पर हाँ काम कुछ नहीं किया पर उस बात को समझा कौन......कोई भी नहीं , ये समझना जरुरी हो गयी भारतीय संस्क्रति , सनातन धर्म , भारतीय जनता उसकी मर्यादा के लिए कोन खतरनाक है और कोन दोषी है ..