काल हर !!
कष्ट हर !!
दुख हर !!
दरिद्र हर , हर हर हर महादेव !!
ॐ नमः शिवाय !!
शिव की महिमा अनंत है। उनके रूप, रंग और गुण अनन्य हैं। समस्त सृष्टि शिवमयहै। सृष्टि से पूर्व शिव हैं और सृष्टि के विनाश के बाद केवल शिव ही शेष रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, परंतु जब सृष्टि का विस्तार संभव न हुआ तब ब्रह्मा ने शिव का ध्यान किया और घोर तपस्या की। शिव अर्द्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए। उन्होंने अपने शरीर के अर्द्धभागसे शिवा (शक्ति या देवी) को अलग कर दिया। शिवा को प्रकृति, गुणमयीमाया तथा निर्विकार बुद्धि के नाम से भी जाना जाता है।