Hindu Purohit Sangh 3.03

676, GH -5, PASCHIM VIHAR , NEW DELHI
Delhi, 110087
India

About Hindu Purohit Sangh

Hindu Purohit Sangh Hindu Purohit Sangh is a well known place listed as Community Organization in Delhi ,

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प्रमुख लक्ष्य:- 1. एक सुदृढ़, समावेशी, सुलभ एवं सार्थक व्यवस्था की स्थापना करना जो पुरोहिती व्यवस्था को वांछनीय प्रतिश्ठा प्रदान करें । एक ऐसी व्यवस्था जिसमें पुरोहित सर्वसुलभ हों, योग्य हों तथा सामाजिक व धार्मिक उन्नयन हेत समर्पित हो । 2. समाज और पुरोहित वर्ग के बीच सतत् संवाद स्थापित करना । 3. पुजारियों की भूमिका और क्षमताओं को बढ़ाने हेतु बहुआयामी प्रयास करना । 4. कमान की श्रृंख्ला वाले पुरोहत तन्त्र की स्थापना करना जिसमें शंकराचार्य के समग्र नेतृत्व में एक सम्पूर्ण व्यवस्था बनाई जाएगी । जिसमें शीर्ष में शंकराचार्य मण्डल होगा फिर महामण्डलेश्वर व मण्डलेश्वर तदुपरान्त महन्त और फिर पुरोहित-पुजारी-साधु वर्ग । 5. इस पेशे को आर्थिक रूप से जीविकोपार्जन के योग्य बनाना । 6. पुजारियों के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना करना तथा इस संस्थानों को संगठित होने हेतु एक माध्यम बनाना । 7. पुरोहित व्यवस्था को मानकीकृत और प्रासंगिक बनाने के लिए पुरोहिती षोध संस्थान स्थापित करना । यह संस्थान संस्कार, पूजा के तरीकों, आरती आदि को अधिक प्रासंगिक तथा समसामयिक बनाने जैसे विशयों पर अनुसंधान करेगा । 8. देश-विदेश की रिक्तियों को भरने हेतु पुरोहितों को तैयार करना तथा रिक्तियों वाली संस्थाओं व पुरोहितों के बीच एक कड़ी की तरह काम करना । 9. पुरोहित पेशे को समावेषी बनाना और वंचित जातियों और महिलाओं को इस पेशे में लाने का प्रयत्न करना । 10. ‘संस्कृति कक्षायें’ प्रारम्भ करना जो बच्चों को धर्म से जोड़ेंगी । विभिन्न इलाकों में 8-00-09-30 के बीच हर रविवार को ऐसी कक्षायें आयोजित की जाएगी। यह लोगों की पहल के माध्यम से किया जाएगा । पाठ्यक्रम और अन्य विवरण संघ द्वारा प्रदान किया जाएगा । 11. www.hindupurohitsangh.com में अधिक से अधिक पुरोहितों को रजिस्टर करना । 12. समान उद्देष्यों हेतु कार्यरत तमाम संस्थाओं के बीच संवाद स्थापित करना । 13. बुनियादी संरचना को प्रभावित किए बिना, कुछ बाद के शास्त्रों में आए जाति और महिला संबंधित संदर्भां जो नकारात्मक और अप्रासंगिक तथा स्वार्थी तत्वों द्वारा बाद में जोड़े लगते हैं, उन्हें अलग करना । पुरोहित संघ के संस्करण वाली पुस्तक सिरीज़ निकालना । 14. पुराहितों का अखिल भारतीय सम्मेलन बुलाना जिसमें विभिन्न विषयों पर वार्तालाप हो सके । 15. हिन्दुओं के बीच समन्वय और कुटुम्ब भावना विकसित करने के लिए ‘संध्या सत्संग मिलन’, ‘महा आरती’ व ‘सामुदायिक पूजा’ कार्यक्रम प्रारम्भ करना । यह पुरोहित और समुदाय के सदस्यों की भागीदारी से देश में अलग-अलग इलाकों में और विदेषों में आयोजित होंगे । ऐसी वैदिक संध्या और सत्संग मिलन सामुदायिक केन्द्र, पार्क, मन्दिरों, नदी किनारों या अन्य किसी शान्त जगह में आयोजित किये जाऐंगी । पुरोहित संघ मिलन कार्यक्रम के लिए विषय-वस्तु तथा प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश हेतु सहायता प्रदान करेगा ।